पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध- Paryavaran Pradushan Ka Nibandh |
पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध- Paryavaran Pradushan Ka Nibandh: Paryavaran Pradushan Essay In Hindi Paryavaran Pradushan Par Nibandh | Paryavaran Pradushan Nibandh | Paryavaran Pradushan Ka Nibandh
पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध- Paryavaran Pradushan Ka Nibandh
रूपरेखा- प्रस्तावना, प्रदूषण क्या है?, पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार, प्रदूषण रोकने के उपाय, उपसंहार
प्रस्तावना:
भूमि, जल, वायु, आकाश, वृक्ष, नदी, पर्वत यही सब मिलकर बनाते हैं- पर्यावरण। इन्हीं के बीच मनुष्य आदिकाल से रहता चला आ रहा है। पर्यावरण मनुष्य को प्रकृति का अमूल्य वरदान है, लेकिन बढ़ते प्रदूषण ने पर्यावरण को बहुत हानि पहुंचाई है।
प्रदूषण क्या है?:
‘दूषण’ का अर्थ दोषयुक्त होना है. ‘प्र’ उपसर्ग लगाने से दूषण की अधिकता व्यक्त होती है। आजकल प्रदूषण शब्द का प्रयोग एक विशेष अर्थ में किया जा रहा है। पर्यावरण के किसी अंग को, किसी भी प्रकार से मलिन या दूषित बनाना ही प्रदूषण है।
पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार:
1. जल प्रदूषण:
जल मानव जीवन के लिए परम आवश्यक पदार्थ है। जल के परंपरागत स्त्रोतहैं- कुआं, तालाब, नदी तथा वर्षा का जल औद्योगिक प्रकृति के कारण उत्पन्न हानिकारक कचरा और रसायन बड़ी बेदर्दी से इन जल स्त्रोतों को दूषित कर रहे हैं।
2. वायु प्रदूषण:
आज शुद्ध वायु मिलना कठिन हो गया है वाहनों, कारखानों और सड़ते हुए औद्योगिक कचरे ने वायु में भी जहर भर दिया है। घातक गैसों के रिसाव भी यदा-कदा प्रलय मचाते रहते हैं।
3. ध्वनि प्रदूषण:
आज मनुष्य को ध्वनि के प्रदूषण को भी भोगना पड़ रहा है। आकाश में वायुयानओं की कानफोड़ ध्वनियां, धरती पर वाहनों, यंत्रों और ध्वनि विस्तारकओं का शोर सब मिलकर मनुष्य को बहरा बना देने पर तुले हुए हैं।
प्रदूषण रोकने के उपाय:
प्रदूषण रोकने के लिए प्रदूषण फैलाने वाले सभी उद्योगों को बस्तियों से सुरक्षित दूरी पर ही स्थापित और स्थानांतरित किया जाना चाहिए। उद्योगों से निकलने वाले कचरे और दूषित जल को निष्क्रिय करने के उपरांत ही विसर्जित करने के कठोर आदेश होने चाहिए तथा कारखानों को खुली जगहों पर बनाना चाहिए जिस से ध्वनि प्रदूषण को कुछ हद तक रोका जा सकता है ।
वायु को दूषित करने वाले वाहनों पर भी नियंत्रण आवश्यक है। इसके लिए वाहनों का अंधाधुंध प्रयोग रोका जाए। रेडियो, टेप रिकॉर्डर तथा लाउडस्पीकरों को मंद ध्वनि से बजाया जाये।
प्रदूषण को रोकने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा मात्रा में प्राकृतिक रूप से जीना होगा जैसे कि, अगर कहीं नजदीक जा रहे हैं तो बाइक अर्थात मोटरसाइकिल की जगह पर हम साइकिल से जाएं और इसी प्रकार से कार के स्थान पर हमें इलेक्ट्रिक कार का इस्तेमाल करना चाहिए और प्लास्टिक संबंधी जितने भी सामान बाजार में मिलते हैं उनका कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए।
उपसंहार:
यदि प्रदूषण पर समय रहते निर्णय नहीं किया गया तो आदमी शुद्ध जल, वायु, भोजन और शांत वातावरण के लिए तरस जाएगा। प्रशासन और जनता दोनों के गंभीर प्रयासों से ही प्रदूषण से मुक्त मुक्ति मिल सकती है।